स्वदेशी उद्यमिता प्रोत्साहन सम्मेलन का आयोजन
शासकीय नवीन कन्या महाविद्यालय, गोबरा नवापारा में स्वावलंबी भारत अभियान के अंतर्गत स्वदेशी जागरण मंच एवं कन्या महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. मधु श्रीवास्तव के दिशा निर्देशन में स्वदेशी उद्यमिता प्रोत्साहन सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. शीला शर्मा उपस्थित रहीं जो स्वदेशी जागरण मंच की प्रांत सह संयोजक हैं । उन्होंने भारत के उस इतिहास से छात्राओं को परिचित कराया जब भारत देश की अर्थव्यवस्था स्वर्णिम काल में थी, कालांतर में आक्रांताओं ने भारत की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रहार किया और आज आवश्यकता इस बात की है कि हमारे युवा स्वावलंबी जीवन अपनाते हुए अपने देश को प्रत्येक आयाम में सशक्त बनाएँ । स्वरोजगार, कौशल विकास एवं उद्यमिता न केवल व्यक्ति विशेष को आत्मनिर्भर बनाता है अपितु दूसरों को भी रोजगार एवं सेवा के अवसर प्रदान करता है । उन्होंने बताया कि कोविड महामारी ने भी समझा दिया है कि आत्मनिर्भर होना कितना आवश्यक है, जिसे ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा आत्मनिर्भर बनने के लिए शुरू की गई पहल का नाम है - स्वावलंबी भारत अभियान । डॉ. शर्मा ने छात्राओं को स्किल डेवलपमेंट के लिए प्रेरित किया, साथ ही कृषि संबंधी नवाचार हेतु भी मार्गदर्शन दिया । उन्होंने स्वदेशी उत्पाद अपनाने पर ज़ोर दिया, ताकि अपने देश के श्रम को सही मूल्य मिल सके।
कार्यक्रम की संयोजक हिंदी की सहायक प्राध्यापक डॉ. सरोज चक्रधर ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि गुरुदेव रबींद्रनाथ टैगोर के अनुसार स्वदेशी का अर्थ देश की आत्मा को पहचानना और उसकी शक्ति को जगाना है । राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के अनुसार स्वदेशी का अर्थ है आत्मनिर्भरता । स्वदेशी उत्पाद एवं उद्यमिता को प्रोत्साहन देकर देश की एक विकट समस्या बेरोजगारी से मुक्त हुआ जा सकता है एवं भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है । महाविद्यालय की छात्राएँ आलमिन और रितु ने हस्तनिर्मित पुष्प गुच्छ भेंट कर अतिथिगण का स्वागत किया । कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण एवं बड़ी संख्या में छात्राएँ उपस्थित रहीं ।